अपराधों के बढ़ने का मुख्य कारण बहुजन समाज पार्टी द्वारा अराजक तत्वों, अपराधियों व माफिया तत्वों को संरक्षण दिया जाना ही है। राज्य की पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बहुजन समाज पार्टी की सरकार के मंत्रियों, विधायकों और नेताओं के दबाव-प्रभाव के कारण अपराध रोकने की मनचाही कार्रवाई करने में स्वयं को कमजोर पा रहे हैं।
सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक दबाव और तनाव में हैं। माफिया और अपराधी तत्व बसपा द्वारा संरक्षित हैं। पुलिस उन पर हाथ नहीं डाल पाती। बढ़ते अपराधों की मुख्य अभियुक्त बसपा सरकार ही है।
लूट और डकैती की घटनाएं बेतहाशा बढ़ी हैं। हत्या की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। चालू वर्ष में नवम्बर माह तक बलात्कार की 1295 घटनाएं पंजीकृत हुई हैं लेकिन वास्तविक घटनाएं बहुत ज्यादा हैं।
लूट और डकैती की घटनाएं भी लिखी नहीं जाती। बहुजन समाज पार्टी से जुड़े माफिया तत्वों के विरूद्ध निरोधात्मक कार्रवाई नहीं होती। बुलंदशहर में बसपा के विधायक ने योजना बनाकर एक लड़की से छेड़खानी करने का विरोध करने वाले परिवारों पर हमला किया था। घंटो फायरिंग हुई थी। पुलिस अधीक्षक मौके पर थे। लेकिन लाचार रहे। इसी तरह की घटनांए पूरे प्रदेश में हो रही हैं। बसपा से जुड़े अराजक तत्वों को अपराध का लाइसेंस मिला हुआ है। पुलिस असहाय है। बसपा सरकार ने पुलिस को पार्टी का एजेंट बनाकर रख दिया है। पुलिस निष्पक्ष काम नहीं कर पाती।
पुलिस को निष्पक्ष रूप से काम करने का अवसर मिले तो यही पुलिस और यही अधिकारी आपराधिक गतिविधियों को रोक सकते हैं। लेकिन राज्य पुलिस के प्रमुख अपने अधीनस्थों को हटा नहीं सकते। पुलिस अधीक्षक बसपा नेताओं द्वारा दी गई सूची के अनुसार थानाध्यक्षों की पोस्टिंग करने को विवश हैं। थानाध्यक्षों पर पुलिस अधीक्षक का नियंत्रण नहीं है। बसपा ही थाने चला रही है। राज्य की पुलिस एक कमजोर लाचार और पार्टी निर्देशित एजेंसी बनकर रह गई है।ऐसे सारे तथ्य लेकर आम जनता जनजागरण और विरोध करेगी।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment