Wednesday, September 20, 2017

गलती किसकी

जब कोई  #बापू कहता हैं तो लोग #महात्मा_गांधी समझते हैं
जब कोई #चाचा कहता हैं तो लोग #नेहरू_जी समझते हैं
जब कोई #भैया कहता हैं लोग #अखिलेश_यादव समझते हैं
जब कोई  #नेताजी कहता हैंलोग #मुलायम_सिंह_यादव समझते हैं
जब कोई  #दीदी कहता है लोग #ममता_बनर्जी समझते हैं
जब कोई #बहनजी जी कहता हैं लोग #मायावती समझते हैं
जब कोई #अम्मा कहता हैं तो लोग #जयललिता समझते हैं
जब कोई  #बाबूजी कहता हैं लोग #कल्याण_सिंह समझते

आखिर क्या वजह है ??? कौन जिम्मेदार है कि

#जब जब कोई #गधा या #बैशाखनन्दन कहता है तो लोग #... समझते हैं

Tuesday, September 12, 2017

कर्ज माफ या किसान साफ ?????

हम किसानों की इतनी बड़ी कर्ज माफी के लिए देश और  प्रदेश के #मोदी जी और #योगी जी का धन्यवाद करते हैं
और उन्हें बताना चाहेंगे कि किसान आपके अंबानी अडानी और माल्या जैसे साथियों की तरह कर्ज लेकर खाने वाला और भगोड़ा नहीं होता....

किसान आत्म सम्मान से जीने वाला और अपने मेहनत की खाने वाला होता है और जहां तक संभव होता है आज भी गांव के आम आदमी और किसान के लिए कर्ज चुकाना सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है और सामाजिक सम्मान की वजह, किसान आधे पेट खाता है लेकिन अपना कर्जा चुकाना जरूर चाहता है

जो आपने 12-15  रुपए का कर्ज माफ किया है नि:सन्देह इससे प्रदेश के किसान कम से कम #पान_खाकर अपना मुँह लाल कर सकता है और उसकी पीक इस संवेदनहीन, नकारा सरकार की नीतियों पर थूक सकता है....

ये नकारे,ढपोरशंखों और जुमलेबाजों की सरकारें सिर्फ जुमले दे सकती हैं, हिंदू मुस्लिम दंगे करवा सकती हैं,  यादव ठाकुर दंगे करवा सकती हैं, दलित ब्राम्हण दंगे करवा सकती हैं,
लेकिन इन नकारा नालायकों के बस का कोई रचनात्मक कार्य है ही नहीं,  यह जहां 15-15 सालों से हैं वहां आज भी वही के वही हां इनका मनपसंद काम दूसरों के काम का फीता काटना और कैमरे के सामने बड़ी-बड़ी बातें करना इनका फेवरेट शौक है
आज किसानों के साथ कर्जमाफी के नाम पर जो मजाक हुआ है इसका जवाब देश प्रदेश का किसान इस सरकार को जरूर देगा...और शायद दिन 3 साल और 5 महीने के कुकर्मों का ही डर है कि उत्तर प्रदेश सरकार का कोई भी मंत्री और मुख्यमंत्री चुनाव में जाने का साहस नहीं जुटा पाये गए और नोटबंदी के घोटाले से बचाए गए पैसे से सिर्फ एमएलसी खरीद रहे हैं...

एक तरफ जहां पूर्व समाजवादी मुख्यमंत्री श्री Akhilesh Yadav  जी के शासन में प्रदेश के किसान साथियों को आबपाशी शुल्क  से मुक्ति दी गई थी
ट्युबवेल और नहर का पानी किसानों के लिए मुफ्त था और सबसे बड़ी बात कि ऋण न चुका सकने की दिशा में किसानो की जमीन की नीलामी नहीं हो सकती थी वही इस सरकार ने यह सारी योजनाएं बंद करके किसानों के गले पर पैर रखने का काम किया है.....


#Missing_108_समाजवादी_एंबुलेंस_सेवा

#Missing_108_समाजवादी_एंबुलेंस_सेवा

2012 में उत्तर प्रदेश के पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav जी की #समाजवादी_सरकार के पहले भी बहुसंख्य #आर्थिक_रूप_से_कमजोर लोग इसी तरह #किराए_की_गाड़ी_और_ठेलिया पर अस्पताल जाते थे और #आज_2017 में भी उसी तरह जा रहे हैं

मैं चुनौती देता हूं कि कोई भी #108_समाजवादी_एंबुलेन्स_सेवा शुरू होने के बाद समाजवादी सरकार में ऐसी कोई घटना बता दे.....

#अखिलेश_सरकार में ऐसी कोई घटना नहीं हुई कि लोगों को ठेलिया पर अस्पताल जाना पड़ा हो हां इस #वर्तमान_मनोरोगी_सरकार में जरूर हो रहा है और लगातार हो रहा है

मुझे एक घटना याद आती है
2013 के शुरुआती दिनों में मेरे घर के पड़ोस में रहने वाले हरिजन बस्ती के लोग रात में 1:00 बजे  मेरे बाबूजी से ठेलिया मांगने आए जोकि दुर्भाग्यवश पंचर पड़ी हुई थी

मेरे यह पूछने पर कितनी रात को ठेला क्या करेंगे ???
तो उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हो रही है और उन को लेकर अस्पताल जाना है और किसी गाड़ी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है

यकायक मुझे याद आया कि समाजवादी सरकार ने 108 समाजवादी एंबुलेंस सेवा शुरू कर दी है, मैंने तत्काल 108 नंबर पर कॉल किया

यद्यपि शुरुआती दौर होने की वजह से रामपुर ब्लॉक पर गाड़ी नहीं मौजूद थी लेकिन भदोही में गाड़ी मौजूद थी मैंने पड़ोस के नदी उस पार के भदोही जिले के नजदीकी गांव का पता बताया और महिला को घरवालों के साथ वहां भेज दिया 25 मिनट के बाद वहां समाजवादी एंबुलेंस खड़ी हुई थी

उस परिवार की #खुशी देखने लायक थी और आज इस परिवार की #मजबूरी..

आज हम किस को बुलाने जाएं ???
आज आप फोन करते रहिए और एंबुलेंस आपके पास नहीं आएगी,  कभी एंबुलेंस में डीजल नहीं होता तो कभी एंबुलेंस में स्टाफ नहीं होता

आखिर इस तरह की जनहितकारी योजनाओं से सरकार खिलवाड़ क्यों कर रही है ????
 क्या यह शर्मनाक और सरकारी अक्षमता की निशानी नहीं है ...????