Thursday, February 24, 2011

मालामुर्ती का दौरा और दलितों की टूटती हड्डिया

आखिर मालामुर्ती ऊप्स मायावती नाम की दौलत की बेटी अपने मांद से बाहर आ ही गयी, जो मायावती कभी अपने सांसदों, विधायको से नहीं मिलती थी, बड़े बड़े सम्मेलनों में जो अपने कार्यकर्ताओं को मानव बम या अछूत समझती थी, और उनसे बचकर जिसला हेलीकाप्टर सीधे वातानुकूलित मंच के पास उतरता था , आज वो प्रदेश के हवाई दौरे पर निकली है, ये अलग बात है की सारे औचक ??? दौरे पूर्व नियोजित होते है, और जनता को इज़ाज़त नहीं होती मायावती से मिलने की , वहा मायावती होती है उनके जूते साफ़ करता कोई चमचा होता है, हाथो में अटैची पकडे अधिकारी होते है, और लोगो के बरिकेडिंग से बाहर निकलने पर टूटते हाथ और हड्डिया और उन्हे तोडती पुलिस की लाठिया होती है..

जो काम पिछले ४ साल से उत्तर प्रदेश की रसातल में जाती कानून व्यवस्था नहीं करवा पाई, हताश होता युवा वर्ग नहीं करवा पाया, सडको पर बहता खून नहीं करवा पाया, दलितों की लुटती इज्ज़त ,सडको पर बहता खून, भूख से मरने की तकदीर नहीं करवा पाई, अपनी बहन जी से चकनाचूर होती उम्मीदे नहीं करवा पाई, जो काम प्रदेश के बिकते थाने और तहसील नहीं करवा पाए, बसपा में भरते गुंडे नहीं करवा पाए और जो काम उत्पीडित लेकिन सुनवाई से लाचार दलित और नकली दलित उत्पीडन में फसता सर्वसमाज नहीं करवा पाया , बलात्कार में नाकाम होने पर दलित लडकियों के कटते हाथ और पैर नहीं करवा पाए वो काम प्रदेश में अगले साल या संभवतः इसी साल होने वाले चुनाव ने करवा दिए,

मालामुर्ती बाहर आ गयी, और उन्होने प्रदेश का दौरा करना शुरू किया , लोगो में उम्मीद जगी की शायद बहन जी अब सुधर गयी है , लेकिन ये क्या मायावती का ये दौरा तो उन गरीब और निरीह लोगो के लिए बवाल साबित हुआ जिनके वोट के दम पर वो तानाशाह और कहने के लिए ही सही लेकिन नोट के दम पर सबसे अमीर मुख्यमंत्री बनी हुई है. ये अलग बात है की वो दलित आज भी भूख से मरता है जैसे की फतेहपुर में एक दलित के पोस्टमार्टम में उसके पेट से सिर्फ पानी निकला, आज भी नेताओं के बांटे नकली कंबलो से ठिठुर ठिठुर कर रात गुजारता है सबसे पहले तो मलामुर्ती के चहेते मंत्री द्वारा करवाई गयी हत्या के शिकार दलित की बेटी को बेहें जी से शिकायत करने की कोशिश करने पर बाल पकड़ कर पॉलिसियो ने खीच कर सड़क पर पटक दिया और अब वो लड़की ही जेल में है, जैसे की बांदा की शीलू निषाद और इटावा में हुआ (महिलाओं के इतना सम्मान मलामुर्ती के राज्य में ही संभव है ).कई जगह धमकी दी गयी की बहन जी से मिले तो मिले हुए आवास भी छीन लिए जायेंगे
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_7344512_1.html


जहा जहा मुख्यमंत्री गयी वहा वहा कर्फ्यू लगा दिया गया , दलित माहिलाओ को उठाया गया, दलितों की फसलो को उखाड़ कर बहन जी के लिए हेलीपैड बनाये गए और पीड़ित को ही थाने में रख दिया गया
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_7344483_1.html



..और तो और बहन जी से मिलने की कोशिश करते एक दलित युवक की तो पोलिसे वालो ने मार कर हाथ पैर तोड़ दिया और उसे गठरी बना कर गली में फेक कर भूल गए , वो ता भला हो मानवता की कुछ लोग उन्हे अस्पताल ले गएये दलित युवक इस अहसान फरामोश को में अपने हाथो 1993 से नाश्ता परोस चुका था,

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_7344495_1.html

और चलते चलते: लेकिन मालामुर्ती जान ले की जनता 4 साल से देख रही है की कही मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी का उद्घाटन किया हुआ पुल दुसरे दिन भरभराकर ढह गया तो कही स्कूल की छत जमिन्दोज़ हो गयी, कही हजरत गंज में लंप पोस्ट गिरने से युवक मर जाता है तो कही सड़क ही पूरी धंस जाती है, ६ मंत्री लोकायुक्त की जांच में है तो जनता के दबाव और अदालत के निर्देश पर बसपा के दर्जनों विधायक और मंत्री जेल में है, सचिवालय का अधिकारी वसूली का कोटा पूरा न कर पाने पर आत्महत्या कर लेता है तो बुंदेलखंड में इमानदार और लोकप्रिय कलक्टर को निपटाया जाता है तो पूर्वांचल में दण्डित भ्रष्ट अधिकारी से अटैची लेकर सजा माफ़ कर दी जाती है, ये घाव ये नासूर इन दौरों से नहीं भरेंगे मालामुर्ती जी...