आज संजय निरुपम नाम के एक जमूरे को एनडीटीवी पर आँखे चढाते और चिल्लाते हुए देखा की आज शिवसेना के गुंडों से फिल्म देखने वालो को बचायेंगे..शाहरुख़ खान के घर से लेकर सारे सिनेमा हाल तक हजारो पुलिस वालो का पहरा लगा हुआ था..कुछ ऐसा ही कर्फ्यू राहुल बाबा के मुंबई प्रवास के दौरान था ..
लेकिन मै इसी नेता से पूछना चाहता हु (जो की कभी शिवसेना क फायरब्रांड नेता रह चूका है ) की ये तेजी, ये सरकशी ये लोमड़ी जैसी आँखे तब कहा छुपी पड़ी थी जा शिवसेना और मनसे के गुंडों से लेकर मुंबई पुलिस तक उत्तर भारतीयों का खून बहा रहे थे.
कहा छुपी पड़ी थी ये पुलिस, तब भी तो यही पुलिस थी और यही सरकार , क्यों नहीं बचाया जा सका उन बेगुनाहों को जो एक नौकरी पाकर परिवार क भला करने गए थे, जिनकी आँखों में विकास क सपना था, उन्हे मनसे के गुंडों ने पीट पीट कर मार डाला..
कहा था ये संजय निरुपम नाम का गुंडा जब हजारो खोमचे और पता नहीं कितनी टैक्सिया तोड़ फोड़ कर बर्बाद कर दी गयी..
कहा था ये नेता जब नाशिक से पुणे तक उत्तर भारतीयों की उत्पीडन क एक दौर चला और किसी भी उत्तर भारतीय नेता ने चाहे वो निरुपम रहा हो, चाहे वो कृपाशंकर सिंह या चाहे और भी कोई , किसी ने आवाज नहीं उठाई..
आज मै शाबाशी देता हु सरकार को की सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गए लेकिन क्या इससे कांग्रेस अपने दमन क वो खून कभी साफ़ कर सकेगी..
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Sabse pahle to meri samajh me ye baat nahi aatee ki aakhir Shahrukh khan ka Pakistan prem aise waqt par kyu chhalka..jab ki unnhe Pata hai ki ye thakereys aaj Sachin aur Mukesh ko bhi nahi bakhsh rahe.to jarurat kya thi aise bayaan ki, are bhai bada pet dard tha to rakh lete do char khiladi team ke ya fir poori pakistani team hi le aate KKR me…lekin aapko bhi bayaan baazi ki lat lag gayee hai netaao ki tarah........
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