Wednesday, September 20, 2017

गलती किसकी

जब कोई  #बापू कहता हैं तो लोग #महात्मा_गांधी समझते हैं
जब कोई #चाचा कहता हैं तो लोग #नेहरू_जी समझते हैं
जब कोई #भैया कहता हैं लोग #अखिलेश_यादव समझते हैं
जब कोई  #नेताजी कहता हैंलोग #मुलायम_सिंह_यादव समझते हैं
जब कोई  #दीदी कहता है लोग #ममता_बनर्जी समझते हैं
जब कोई #बहनजी जी कहता हैं लोग #मायावती समझते हैं
जब कोई #अम्मा कहता हैं तो लोग #जयललिता समझते हैं
जब कोई  #बाबूजी कहता हैं लोग #कल्याण_सिंह समझते

आखिर क्या वजह है ??? कौन जिम्मेदार है कि

#जब जब कोई #गधा या #बैशाखनन्दन कहता है तो लोग #... समझते हैं

Tuesday, September 12, 2017

कर्ज माफ या किसान साफ ?????

हम किसानों की इतनी बड़ी कर्ज माफी के लिए देश और  प्रदेश के #मोदी जी और #योगी जी का धन्यवाद करते हैं
और उन्हें बताना चाहेंगे कि किसान आपके अंबानी अडानी और माल्या जैसे साथियों की तरह कर्ज लेकर खाने वाला और भगोड़ा नहीं होता....

किसान आत्म सम्मान से जीने वाला और अपने मेहनत की खाने वाला होता है और जहां तक संभव होता है आज भी गांव के आम आदमी और किसान के लिए कर्ज चुकाना सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है और सामाजिक सम्मान की वजह, किसान आधे पेट खाता है लेकिन अपना कर्जा चुकाना जरूर चाहता है

जो आपने 12-15  रुपए का कर्ज माफ किया है नि:सन्देह इससे प्रदेश के किसान कम से कम #पान_खाकर अपना मुँह लाल कर सकता है और उसकी पीक इस संवेदनहीन, नकारा सरकार की नीतियों पर थूक सकता है....

ये नकारे,ढपोरशंखों और जुमलेबाजों की सरकारें सिर्फ जुमले दे सकती हैं, हिंदू मुस्लिम दंगे करवा सकती हैं,  यादव ठाकुर दंगे करवा सकती हैं, दलित ब्राम्हण दंगे करवा सकती हैं,
लेकिन इन नकारा नालायकों के बस का कोई रचनात्मक कार्य है ही नहीं,  यह जहां 15-15 सालों से हैं वहां आज भी वही के वही हां इनका मनपसंद काम दूसरों के काम का फीता काटना और कैमरे के सामने बड़ी-बड़ी बातें करना इनका फेवरेट शौक है
आज किसानों के साथ कर्जमाफी के नाम पर जो मजाक हुआ है इसका जवाब देश प्रदेश का किसान इस सरकार को जरूर देगा...और शायद दिन 3 साल और 5 महीने के कुकर्मों का ही डर है कि उत्तर प्रदेश सरकार का कोई भी मंत्री और मुख्यमंत्री चुनाव में जाने का साहस नहीं जुटा पाये गए और नोटबंदी के घोटाले से बचाए गए पैसे से सिर्फ एमएलसी खरीद रहे हैं...

एक तरफ जहां पूर्व समाजवादी मुख्यमंत्री श्री Akhilesh Yadav  जी के शासन में प्रदेश के किसान साथियों को आबपाशी शुल्क  से मुक्ति दी गई थी
ट्युबवेल और नहर का पानी किसानों के लिए मुफ्त था और सबसे बड़ी बात कि ऋण न चुका सकने की दिशा में किसानो की जमीन की नीलामी नहीं हो सकती थी वही इस सरकार ने यह सारी योजनाएं बंद करके किसानों के गले पर पैर रखने का काम किया है.....


#Missing_108_समाजवादी_एंबुलेंस_सेवा

#Missing_108_समाजवादी_एंबुलेंस_सेवा

2012 में उत्तर प्रदेश के पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav जी की #समाजवादी_सरकार के पहले भी बहुसंख्य #आर्थिक_रूप_से_कमजोर लोग इसी तरह #किराए_की_गाड़ी_और_ठेलिया पर अस्पताल जाते थे और #आज_2017 में भी उसी तरह जा रहे हैं

मैं चुनौती देता हूं कि कोई भी #108_समाजवादी_एंबुलेन्स_सेवा शुरू होने के बाद समाजवादी सरकार में ऐसी कोई घटना बता दे.....

#अखिलेश_सरकार में ऐसी कोई घटना नहीं हुई कि लोगों को ठेलिया पर अस्पताल जाना पड़ा हो हां इस #वर्तमान_मनोरोगी_सरकार में जरूर हो रहा है और लगातार हो रहा है

मुझे एक घटना याद आती है
2013 के शुरुआती दिनों में मेरे घर के पड़ोस में रहने वाले हरिजन बस्ती के लोग रात में 1:00 बजे  मेरे बाबूजी से ठेलिया मांगने आए जोकि दुर्भाग्यवश पंचर पड़ी हुई थी

मेरे यह पूछने पर कितनी रात को ठेला क्या करेंगे ???
तो उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हो रही है और उन को लेकर अस्पताल जाना है और किसी गाड़ी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है

यकायक मुझे याद आया कि समाजवादी सरकार ने 108 समाजवादी एंबुलेंस सेवा शुरू कर दी है, मैंने तत्काल 108 नंबर पर कॉल किया

यद्यपि शुरुआती दौर होने की वजह से रामपुर ब्लॉक पर गाड़ी नहीं मौजूद थी लेकिन भदोही में गाड़ी मौजूद थी मैंने पड़ोस के नदी उस पार के भदोही जिले के नजदीकी गांव का पता बताया और महिला को घरवालों के साथ वहां भेज दिया 25 मिनट के बाद वहां समाजवादी एंबुलेंस खड़ी हुई थी

उस परिवार की #खुशी देखने लायक थी और आज इस परिवार की #मजबूरी..

आज हम किस को बुलाने जाएं ???
आज आप फोन करते रहिए और एंबुलेंस आपके पास नहीं आएगी,  कभी एंबुलेंस में डीजल नहीं होता तो कभी एंबुलेंस में स्टाफ नहीं होता

आखिर इस तरह की जनहितकारी योजनाओं से सरकार खिलवाड़ क्यों कर रही है ????
 क्या यह शर्मनाक और सरकारी अक्षमता की निशानी नहीं है ...????

Saturday, March 28, 2015

और इल्जाम अनुष्का पर...???

यद्यपि मैं क्रिकेट ज्यादा नही देखता, किंतु इस विश्वकप में टीम बीसीसीआई की हार पर सबसे ज्यादा जिम्मेदार धोनी के बजाय अनुष्का शर्मा की लानत मलामत करने वालों को देखकर शर्म आयी कि एक महिला का इस तरह का अपमान कौन सी मानसिकता को दर्शाता है ?

मुझे लगता है यह वही मानसिकता है जो हर असफलता के लिये औरत को जिम्मेदार ठहराता है.
जो किसी भी विवाद की जड़ पुरूष के अहं के बजाय जर और जमीन के साथ जोरू को भी मानता है.

वैसे व्यक्तिगत रूप से मै मैं धोनी को बहुत रसंद करता था पर इधर कुछ दिनों से उनके अहं या अति आत्मविश्वास से बहुत दुखी हुआ और मुझे पिछले विश्वकप का सफलतम बल्लेबाज युवराज सिंह लगातार याद आया जो दबावों में और बेहतर प्रदर्शन करता था और इस बार युवराज की कीमत पर गये अक्षर पटेल किस बिना पर गये और इल्जाम अनुष्का पर !

चोटिल रविंद्र जाडेजा किसी भी मैच में युवराज नहीं बन पाये और इल्जाम अनुष्का पर !

दबाव में टीम बीसीसीआइ ऐसे बिखरी जैसे भूसा और इल्जाम अनुष्का पर !

महेंद्र सिंह जी, यद्यपि सफलता किसी का भी दिमाग खराब कर सकती है लेकिन आपके अहं और न जाने किस भावना ने युवराज, सेहवाग और गंभीर के टीम मे नहीं रखा और बहुसंख्य भारतीयों की उम्मीदों और सैकड़ों टीवी सेट टूट गये और इल्जाम अनुष्का पर !

क्या बात है ...

Thursday, April 3, 2014

किसानों, नौजवानो, मुसलमानों,सवर्णोंं का घोषणा पत्र


समाजवादी पार्टी ने अपना मैनिफेस्टो जारी कर दिया है जिससे आम जनता , किसानों, नौजवानो, मुसलमानों से लेकर सवर्णोंं तक में उत्साह तथा विपक्षी पार्टियोंं  में खलबली है क्युकि जिस तरह समाजवादी पार्टी का अपने घोषणा पत्र को पुरा करने का इतिहास रहा है, अगर ये कायम रहा तो दोनों प्रमुख और उनके कई सहयोगी पार्टियों के लिए बेहद मुश्किल स्थिति पैदा हो जायेगी

विकास और प्रगती के बड़े बड़े दावे करने वाली भाजपा अभी तक अपनी योजनाए जनता के सामने नही लाई है, आख़िर क्या योजना है भाजपा के पास देश के लिए, देशवासीयो के लिए ?भाजपा का मैनिफेस्टो कहां है? भाजपा ने अभी तक मैनिफेस्टो क्यों नहीं जारी किया है? देश और मतदाताओं को यह जानने का हक है कि अबकी बार मोदी सरकार ठोस क्या करने जा रही है? बीजेपी का  मैनिफेस्टो तो नहीं है, लेकिन मुरली मनोहर जोशी कि अध्यक्षता में रचित घोषणा पत्र में निष्कासित सदस्य जसवंत सिंह जी अभी भी सुशोभित है और हां, बदलाव को मजाक बना देने वाली आम आदमी पार्टी ने भी मैनिफेस्टो नहीं जारी किया है। क्यों? आखिर उन्हें भी बताना चाहिए कि वे सरकार में आकर क्या करना चाहते हैं या सरकार में आने के पहले क्या कहना चाहते है  ? उनकी अर्थनीति और सामाजिक नीति क्या होगी?

अब पहले फेज की वोटिंग में सिर्फ एक सप्ताह है। इसलिए भाइयों और बहनों और मित्रों के सामने मैनिफेस्टो तुरंत पेश करो! अगर कोई है तो ???

अभी तक ये दल सोचते थे कि "कसमें वादे प्यार वफा सब बातें है बातों का क्या लेकिन समाजवादी पार्टी और अखिलेश जी ने  इसे "जो वादा किया वो निभना पड़ेगा" में बदल दिया है

Saturday, March 22, 2014

अखिलेश यादव:एक सोसलिस्ट महानायक

16 वीं लोकसभा 2014 की लड़ाई कांटे की होगी। लेकिन चुनावी महाभारत का असली कुरुक्षेत्र तो उत्तर प्रदेश ही होगा। देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकसभा की सीटें भी हैं। हर दल और दल का नेता अपने-अपने दांव चल रहा है। लेकिन ये सत्य है की युवा हृदय सम्राट, दूरदर्शी और सोसलिस्ट महानायक सूबे के मुखिया अखिलेश यादव राजनीति के विकासवाद की नई पटकथा गढ़ रहे हैं 


मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ना सिर्फ़ समाजवाद का नया चेहरा ही हैं बल्कि समाजवादी राजनीति के नए ध्वजवाहक भी हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों का आकलन आज की तारीख में करना सरल जरूर होगा मगर उस वक्त बहुत मश्किल था। यह वही, अखिलेश यादव थे, जिन्होंने विधानसभा चुनावों के ठीक एक साल पहले पूरे उत्तर प्रदेश में घूम-घूम कर राजनीति के राजनीतिक घटनाक्रम बदलने की बुनियाद रख दी थी। तब न तो राजनीतिक पंडितों को और न ही बड़े-बड़े राजनेता तथा राजनीतिक दलों को उनके राजनीतिक रिहर्सल का पुर्वाभास हो पाया था। गली-गली और गांव-गांव में घूम रहे समाजवादी क्रांति रथ ने मिशन 2012 की राजनीतिक क्रांति में बदल कर रख दिया। समाजवादी पार्टी में पिता मुलायम सिंह यादव जिन्हे आज भी जनता धरतीपुत्र कहती है और स्वतंत्र भारत के इतिहास मे अपने संघर्षो के दम पर नेताजी सुभाषचंद्र बोसजी के बाद बृहद स्तर पर नेताजी के संबोधन से सम्मानित किए जाते है  का वह चेहरा जो गांव-गरीब और किसान से मेल खाता है, अखिलेश यादव ने कम्प्यूटर, लैपटाप से जुड़े शहरी युवाओं को भी जोड़कर समाजवादी पार्टी की नई तस्वीर बना डाली। जो समाजवादी पार्टी गांव-गलियारे और चौपालों से जुड़ी थी, उसने शहरों के रेस्टोरेंट, साइबर कैफे और कॉनवेंट स्कूलों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी। यूपी की दूसरी पार्टियों कांग्रेस, भाजपा और बसपा में अखिलेश की ही तरह कोई युवा चेहरा नहीं था, कुछेक घटनाक्रमों को छोड़कर मुख्यमंत्री के दो वर्षो के शासन से साफ जाहिर होता है कि वह आने वाले वक्त में राजनीति के जातिवाद से दूर हटकर राजनीति के विकासवाद की ओर उत्तर प्रदेश को ले जाना चाहते हैं। दो सालों में उन्होंने राजनीति से हटकर विकास के नए पहल किए हैं। इंटर पास छात्रों को लैपटाप, आईटी हव जैसे कदम यूपी को संचारक्रांति में तरक्की का संकेत देती है। नए मेडिकल कालेजों की स्थापना समेत अनेक पहल से उन्होंने दूसरे राजनीतिक दलों का भी ध्यान अपनी ओर खींचा है। 

अखिलेश वैसे भी सार्वजनिक मंचों से जातिवाद की बातें करने से बचते हैं। 2012 के विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जनमत मिलने के बाद उन्होंने बड़े ही साफ लहजे में कहा था कि समाज के सभी वर्गो ने उन्हें सहयोग और समर्थन दिया है। बीते दो सालों में मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप न लगना सिद्ध करता है वह एक बेहद ईमानदार नेता हैं। नहीं तो पिछली सरकार में छह महीने बाद ही भ्रष्टाचार के तमाम आरोप छोटे-बड़े नेता, मंत्री, विधायक पर लगने शुरू हो गए थे। अपराध और व्यक्तिगत दबँगाई पर भी काफ़ी हद तक अंकुश लगाया तो संस्थागत भ्रष्टाचार को रोकने मे भी ठोस तरीके से काम किया, आम जंतरा ताकि उन तक सीधी पहुच और जनता दर्शन ऐसे फ़ैसले, हर जिले मे फैले उनके व्यक्तिगत समर्थको ने भी उन तक जमीनी हक़ीकत पहुचाई, कुच्छेक षड्यंत्रो, दूराभिसंधियो और राजनैतिक विरोधियो की गंदी चालो को छोड़ दे तो दो साल का ये कार्यकाल उत्तर प्रदेश के लिए एक स्वर्णिम समय रहा है और जैसा की हमारे समाज मे कहा जाता है की पूत के पाँव पालने मे देखे जाते है तो आने वाले समय मे अगर देश मे सपा की सरकार बनी तो आने वाला समय मे देश मे भी यही स्वर्णिम काल देखने को भी मिलेगा..

Monday, August 5, 2013

उपलब्धिया उत्तर प्रदेश सरकार की ...







बड़ी ख़ुशी की बात है की देश से गरीबी, भूख ,अशिक्षा ,बेरोजगारी ,बीमारियाँ ,चीन से खतरा ,पाकिस्तान का आतंकवाद ,जो भी समस्यायें थी सब ख़त्म हो गयी है । और देश से तो सारी ख़त्म हो गयी है । 
अब जो भी समस्याएं बची है वो केवल उत्तर प्रदेश में है और उत्तर प्रदेश में केवल एक समस्या है की एक अच्छा पढ़ा लिखा नौजवान मुख्यमंत्री क्यों है ?
  • उससे भी जायदा समस्या ये है की इसके वादों को अविश्वसनीय मानते थे ,उसने वो सब इतने कम समय में पूरा क्यों कर दिया ? 
  • क्यों पढाई ,दवाई को मुफ्त कर दिया ? 
  • क्यों किसान को पानी मुफ्त दे दिया और दे दिया ? 
  • किसान का खेत बिकने से क्यों बचा लिया ,उसे आत्महत्या करने से क्यों बचा लिया ,उसका ५० हजार का कर्ज क्यों माफ़ कर दिया ? नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता क्यों दिया जो देश में कोई नहीं दे रहा है ? 
  • बहनों को कन्याधन क्यों दे रहा है जो कोई नहीं दे रहा है मुसलमानो के साथ हिन्दुओ को भी तीर्थयात्रा पर पैसा क्यों दे रहा है ? 
  • मुफ्त एम्बुलेंस क्यों चलवा रहा है ? 
  • नए बिजली के सब स्टेशन क्यों बनवा रहा है ? 
  • इतने कम समय में तीन मेडिकल कालेज क्यों बनवा दिया ? 
  • मेडिकल कालेज में छात्रो के सीटें क्यों बढ़ावा दिया ? कर्मचारियों को इतनी सुविधाएं क्यों दिया ? 
  • शिक्षको को सुविधाओ के साथ सम्मान क्यों दिया ? 
  • १५ लाख छात्रो को लैपटॉप क्यों दे रहा है ? 
  • हर जिला मुख्यालय को चार लेंन की सड़को से क्यों जोड़ रहा है ? 
  • तमाम अस्पताल और स्कूल क्यों बनवा रहा है ? एक्सप्रेस वे क्यों बनवा है ? 
  • सबको सम्मान क्यों दे रहा है ? बिजली का उत्पादन बढाने का इंतजाम क्यों कर रहा है ? 
  • नौकरियों की बाढ़ लाकर नौजवानों को रोजगार क्यों दे रहा है ? 
  • पहले की सरकार की तरह दिन रात वसूली क्यों नहीं कर रहा है ,सबको पिटवा क्यों नहीं रहा है ? 
  • सबको अपमानित क्यों नहीं कर रहा है ? 
  • बेशकीमती जमीनों को कब्ज़ा क्यों नहीं कर रहा है ? 
  • पत्थरो का खेल क्यों नहीं खेल रहा है ? 
  • अपनी मूर्तियाँ क्यों नहीं लगवा रहा है ? 
  • विकास के स्थान पर नफरत का खेल क्यों नहीं खेल रहा है ? 
  • प्रायोजित दंगे क्यों नहीं करवा रहा है ? 
  • धर्म और जाती के नाम पर नफ़रत क्यों नहीं फैला रहा है ? 
  • जाती और धर्म के नाम पर ढेरो मुकदमे क्यों नहीं लिखवा रहा है ? 
  • राजधानी में चिकत्सा अधीक्षकों की हत्या क्यों नहीं करवा है ? 
  • विधायको से बलात्कार क्यों नहीं करवा रहा है ? 
  • किसी अभियंता को मरवा क्यों नहीं रहा है ? 
क्या क्या बताऊँ की कितनी समस्याएं है और वो भी केवल उत्तर प्रदेश में । हाँ एक ख़ुशी की बात है की उत्तर प्रदेश की इमानदार व्यस्था और जिम्मेदार व्यवस्था के साथ और इस व्यवस्था में बैठे किसी के साथ पूरा हिदुस्तान खड़ा हो गया है । कभी उत्तर प्रदेश भारत को दिशा दिखता था ,नेतृत्व करता था ,किसी बहाने सही पूरा भारत उत्तर प्रदेश की व्यवस्था के एक छोटे से तुकडे तक के पीछे खड़ा हो गया है ,यहाँ तक की हिंदुस्तान की सबसे ताकतवर नेता भी उत्तर प्रदेश की एक कलम के पीछे कड़ी हो गयी है ।
हो गया न तय की देश में अब कोई समस्या नहीं है और जो है वो केवल उत्तर प्रदेश में है ।

सौजन्य: श्री फ्रैंक हुजुर 

Saturday, March 16, 2013

जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा




"देश और प्रदेश मे
विश्वास है अखिलेश मे"

बहुत पहले मैने कहा था, आज अखिलेश सरकार के एक साल पूरे होने पर कह सकता हू की मैं सही था, जिस तरह से प्रदेश मे जातिवादी और संप्रदायिक ताकते लगातार कोशिश और षड्यंत्र कर रही है प्रदेश की समरसता और गंगा जमुनी तहज़ीब को बिगाड़ने की, जिसमे कुछ बड़े नेता और कुछ छूटभैये, गैरज़िम्मेदार और संप्रदायिक मानसिकता के कुछ पत्रकार भी शामिल थे, इन षड्यंत्रो और कुचक्रो के बीच जिस तरह से अखिलेश भैया की सरकार ने लोकहितकारी योजनाओं पर फोकस करते हुए एक शानदार साल पूरा किया, उसके लिए वो नीसंदेह बधाई के पात्र है...

भैया की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है उत्तधर प्रदेश मे फ़िर से लोक शासन, लोक तंत्र लाना जिसे बहेन जी ने पाँच साल तक ५ कालिदास मे बंधक बना रखा था , १०८ समाजवादी एंबुलेंस सेवा जिसने प्रदेश को आशा की एक नयो किरण दिखाई है, १०९० विमन पवर लाइन और सबसे बड़ी बात उत्तर प्रदेश को तकनीकी रूप से पिछडे राज्य की श्रेणी से निकाल कर जमाने से कदम मिलकर चलने लायक बनाने के लिए दिया जाने वाला लॅपटॉप वितरण जो हमारी हीन भावना को दूर कर इस प्रदेश के नौनिहालो का आत्म विश्वास बढ़ाएगा...

क़र्ज़ माफी, नहरो मे सालो बाद कल कल बहता पानी, सोसायटी पर बिना लाठी खाए मिलते बीज और खाद, आगरा मे आते उद्योग पति खुद अखिलेश यादव की कार्यशैली बयान कर रहे हैं
कहना पड़ेगा की अखिलेश भैया ने उत्तर प्रदेश की आम जनता को नेताओं के "कसमे वादे प्यार वफ़ा सब बाते है बातो का क्या" जमाने से निकालकर "जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा " जमाने मे पहुचा दिया है…..

Sunday, February 24, 2013

एक समाजवादी बजट


समाजवादी पार्टी ने हमेशा से ही किसानों, मज़दूरों और नौजवानों का हितैषी होने कि बात कही है और समाजवादी पार्टी के दुसरे बजट में जिस तरह से उनंहे केन्द्र में रक्खा गया है उससे कही कोई शक़ नही राह जाता कि हमारे युवा मुख्यमंत्री परम्परा और आधुनिकता का अनूठा संगम है; एक ऐसा इनसान जो जितनी आसानी से लैप्टॉप और टेबलेट चला सकता है उतनी ही आसानी से ट्रैक्टर और हल भी चला सकता है....

जो ग्लोबल समित कराकर उद्योगपति बुला सकता है तो किसानों का दर्द समझकर  नहरो में पानी और केंद्रों पर खाद भी पहुँचवा सकता है.....

ईश्वर आपको ऐसा ही बनाए रक्खे भइया....

Saturday, February 16, 2013

मीडिया का पक्षपात...


मीडीया को कोई कुंभ मे नहाता हुआ दिखता है तो कभी स्टेशन परिसर के अंदर हुए भगदड़ मे अखिलेश सरकार ज़िम्मेदार दिखती है, कभी आज़म ख़ान साहब का ताज महल पर भाषण दिखता है..

लेकिन ये नही दिखता की गंगा जमुनी तहज़ीब का नज़ारा पेश किया उन्न्होने, मेला क्षेत्र की ज़िम्मेदारी उठाई और कम से कम मेला परिसर और शहर मे अधिकतम सुविधाए दिलवाई..

१०८ की अंबूलेंस सेवा नही दिखती जिसने आज ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदल दी है..

१०९० नही दिखता जिसकी वजह से राह चलते मनचलो मे एक डर सा पैदा हो गया है.

सालो बाद इस खेती के सीज़न मे आया हुआ नहरो का पानी नही दिखता ??

बिना लाठी खाए मिलने वाली खाद और बीज नही दिखते ??

गाँव का वो समरसता भरा वातावरण नही दिखता ???

मैं कन्या विद्या धन, बेरोज़गारी भत्ता, और टॅबलेट, लॅपटॉप जैसी योजनाओं का नाम नही लूँगा क्यूकी ये पर्याप्त चर्चा पा चुकी लेकिन बाकी उपर की योजनाओं ने किसानो और ग्रामीनो का दिल जीता है, उनका जीवन आसान किया है...

क्या मीडिया को ये सब नही दिखता....