यद्यपि मैं क्रिकेट ज्यादा नही देखता, किंतु इस विश्वकप में टीम बीसीसीआई की हार पर सबसे ज्यादा जिम्मेदार धोनी के बजाय अनुष्का शर्मा की लानत मलामत करने वालों को देखकर शर्म आयी कि एक महिला का इस तरह का अपमान कौन सी मानसिकता को दर्शाता है ?
मुझे लगता है यह वही मानसिकता है जो हर असफलता के लिये औरत को जिम्मेदार ठहराता है.
जो किसी भी विवाद की जड़ पुरूष के अहं के बजाय जर और जमीन के साथ जोरू को भी मानता है.
वैसे व्यक्तिगत रूप से मै मैं धोनी को बहुत रसंद करता था पर इधर कुछ दिनों से उनके अहं या अति आत्मविश्वास से बहुत दुखी हुआ और मुझे पिछले विश्वकप का सफलतम बल्लेबाज युवराज सिंह लगातार याद आया जो दबावों में और बेहतर प्रदर्शन करता था और इस बार युवराज की कीमत पर गये अक्षर पटेल किस बिना पर गये और इल्जाम अनुष्का पर !
चोटिल रविंद्र जाडेजा किसी भी मैच में युवराज नहीं बन पाये और इल्जाम अनुष्का पर !
दबाव में टीम बीसीसीआइ ऐसे बिखरी जैसे भूसा और इल्जाम अनुष्का पर !
महेंद्र सिंह जी, यद्यपि सफलता किसी का भी दिमाग खराब कर सकती है लेकिन आपके अहं और न जाने किस भावना ने युवराज, सेहवाग और गंभीर के टीम मे नहीं रखा और बहुसंख्य भारतीयों की उम्मीदों और सैकड़ों टीवी सेट टूट गये और इल्जाम अनुष्का पर !
क्या बात है ...