
जो ग्लोबल समित कराकर उद्योगपति बुला सकता है तो किसानों का दर्द समझकर नहरो में पानी और केंद्रों पर खाद भी पहुँचवा सकता है.....
ईश्वर आपको ऐसा ही बनाए रक्खे भइया....
एक युवा, जिसे शौक था दुनिया देखने का,दुनिया के ज्यादातर हिस्सा घूमने, पेरिस में शिक्षा लेने और निसान, रेनौल्त जैसी कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियो मे काम करने के बावजूद लगातार कुछ खोते रहने के अनुभव को दूर करने और और बदलते भारत का साक्षी बनने के लिए वापस भारत लौटा,युवा नेताओं मे अखिलेश यादव से प्रभावित, शेष जीवन प्रगतिशील समाजवाद को समर्पित....
No comments:
Post a Comment